Rojiroti microfinance scheme is an innovative way of providing support for small group saving and lending among the poorest people in rural areas of Northern India. Since its inception in 2008, Rojiroti UK has established more than 4,500 self-help groups with more than 50,000 members, 98% of whom are women from disadvantaged groups.
Rojiroti UK work is managed and promoted in India by the Centre for Promoting Sustainable Livelihoods (CPSL). CPSL is network of group coordinators and volunteers who promote a transparent system of community development and facilitate the workings of the self-help groups without making any decisions for them.
रोज़ीरोटी लघु वित्त योजना उत्तरी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों के बीच छोटे समूह की बचत और ऋण देने के लिए सहायता प्रदान करने का एक अभिनव तरीका है. २००८ में अपनी स्थापना के बाद से, रोज़ीरोटी ५०,००० से अधिक सदस्यों के साथ ४,५०० से अधिक स्वयं सहायता समूह की स्थापना की है, जिनमें से ९८% वंचित समूहों की महिलाएं हैं.
भारत में रोज़ीरोटी के काम का प्रबंध सेंटर फौर सस्टेनेबल लाईवलिहूड (सी.पी.एस.एल) के द्वारा किया जाता है. सी.पी.एस.एल समूह समन्वयकों और स्वयं सेवकों का संजाल है जो साम्प्रदायिक विकास की एक पारदर्शी प्रनाली को बढ़ावा देता है. सी.पी.एस.एल के कार्यकर्ता स्वयं सेवा समूहों की मदद करते हें पर उन के लिये कोई निर्णय नहीं लेते.
The REACH project is in collaboration between the University of Nottingham, Rojiroti UK, CPSL, Patna Medical College Hospital, Swansea University and the Institute of Child Health, University College London.
रीच परियोजना नॉटिंघम विश्वविद्यालय, रोज़ीरोटी, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, स्वानसी विश्वविद्यालय और बाल स्वास्थ्य संस्थान, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के बीच सहयोग है.
Feasibility and pilot study of the effects of microfinance on under 5 mortality and nutrition amongst the very poor in India, a cluster randomised trial, is currently running to evaluate the effects of the Rojiroti microfinance scheme in 24 tolas in the state of Bihar, India.
बिहार के २४ गाऔं में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के स्वास्ध और पोषण पर सी.पी.एस.एल के द्वारा चलाई गई रोज़ीरोटी लघु वित्त रोजना के प्रभावों का अध्ययन करने के लिये एक अग्रगामी (पायलट) परियोजना चल रही है.
The REACH project is a research study to evaluate the effects of the Rojiroti microfinance programme on the health and nutrition of children in the community. The project is designed as a cluster randomised trial to investigate the effects of establishing self help groups with support from CPSL on the health of children aged less than five years of age.
रीच परियोजना समुदाय में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर रोज़ीरोटी लघु वित्त कार्यक्रम के प्रभाव का मूल्याँकन करने के लिये एक शोद्थ अथ्ययन है. रीच परियोजना पांच साल के कम आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर सी.पी.एस.एल की सहायता से स्वयं सहायता समूहों की स्थापना के प्रभाव की जांच के लिए एक क्लस्टर यादृच्छिक परीक्षण के रूप में बनाया गया है.
Email: reach@nottingham.ac.uk
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