A feasibility and pilot study of the effects of microfinance on under 5 mortality and nutrition amongst the very poor in India, a cluster randomised trial, is currently running to evaluate the effects of the Rojiroti microfinance scheme in 23 tolas in the state of Bihar, India. A tola is a residential area within a village. Villages in India are often divided by the caste of the residents and each community resides in a localised area within the village. These areas are called tolas. In this study, the participating tolas are the unit of randomisation and children in tolas where the self-help groups are established at the start of the study will be compared with children in tolas where the self-help groups are established 18 months later. The pilot project is running in the villages around Patna.
बिहार के २३ गाऔं में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के स्वास्ध और पोषण पर सी.पी.एस.एल के द्वारा चलाई गई रोज़ीरोटी लघु वित्त रोजना के प्रभावों का अध्ययन करने के लिये एक अग्रगामी (पायलट) परियोजना चल रही है.
ईस अध्ययन में भाग लेने वाले टोले अनीयमिता की एकाई हैं. जिन टोलों में स्वॅम सहयता समूह अध्ययन के शुरू में स्थापित होंगे, उन के बच्चों के स्वस्थ की तुलना उन बच्चों के स्वस्थ से की जयगी जिन के टोलों मे स्वॅम सहयता समूह १८ महीनओं के बाद बनेंगे. यह परियोजना पटना के पास के गाओं मे चल रही है.
Children under five years of age have their weight, height and mid upper arm circumference (MUAC) measured. These will be used to calculate their weight-for-age z-score and weight, weight-for-height z-scores and MUAC for age to assess their nutrition.
पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का वज़न, ऊँचाई और मध्य ऊपरी बाँह की परिधि का माप लिया जा रहा है. उन के द्वारा उम्र के अनुसार वज़न का ज़ेड स्कोर और लंंबाई के अनुसार वज़न का ज़ेड स्कोर निर्भर किया जायेगा. इन स्कोरों और मध्य ऊपरी बाँह की परिधि से बच्चों के पोषण के आकलन का हिसाब लगाया जायेगा
Twenty-four tolas from villages in Masaurhi, Bikram and Naubatpur Blocks of Patna district have been entered into the pilot study.
पटना ज़िला के बिक्रम, नौबतपुर और मसौड़ी ब्लाकों में अग्रगामी अध्धयन शुरू हो गया है
At the end of September 2013
(सितंबर २०१३ के अंत तक)
भाग लेने वाली माताऔं और बच्चों का पहला डेटा एकत्र कर लिया गया है.
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Email: reach@nottingham.ac.uk